Fatty Liver Symptoms Causes And Treatment in Hindi
फैटी लिवर लक्षण कारण बचाव व उपचार
भारत में हर पांच में से एक व्यक्ति के लिवर में ज़रुरत से अधिक फैट है और हर 10 में से एक व्यक्ति को fatty liver disease है. Source: HT.इसलिए यह बेहद ज़रूरी हो जाता है कि हम इस बीमारी से जुड़ी ज़रूरी बातों को समझें और अपनी सेहत को लेकर सावधान रहें.
फैटी लिवर डिजीज क्या होती है? What is Fatty Liver Disease in Hindi ?
लिवर हमारी बॉडी का दूसरा सबसे बड़ा ऑर्गन होता है (पहला स्किन है).लिवर का वजन लगभग डेढ़ किलो का होता है और यह शरीर का बेहद ज़रूरी अंग है. इसका काम हर एक चीज जो हम खाते या पीते हैं को प्रोसेस करने का होता है, साथ ही ये कई तरह के हानिकारक पदार्थों को हमारे खून से फ़िल्टर करता है.
हम जो भी भोजन करते हैं उससे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन और मिनरल्स जैसे पोषक तत्वों को प्रोसेस करने का काम लिवर ही करता है. अगर लिवर ठीक से काम ना करे तो शरीर का मेटाबोलिक बैलेंस भी गड़बड़ हो जाता है.
➡ Liver में कुछ fat का होना आम बात है, लेकिन अगर ये लिवर के कुल वजन का 5-10% तक हो जाता है तब आपको fatty liver disease (hepatic steatosis) हो सकती है. अधिक मात्रा में फैट या वसा का होना लिवर की normal functioning को प्रभावित कर देता है और तब यह आपकी खायी-पी हुई चीजों को ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाता है. इसी को फैटी लिवर डिजीज कहते हैं.
- ज़रूर पढ़ें:फैटी लिवर में क्या खाएं क्या ना खाएं ? 17 Food Items List
आमतौर पर लिवर खराब हुए सेल्स की जगह नए लिवर सेल्स बना कर खुद को रिपेयर कर लेता है. लेकिन बार-बार डैमेज होने पर वह खुद को ठीक नहीं कर पाता और ऐसे में scar tissue normal liver tissue को replace कर देता है. इस कंडीशन को Cirrhosis (सिरोसिस) कहते हैं.
But fortunately, फैटी लिवर एक reversible condition है जो अपने जीने के ढंग और तौर-तरीकों को बदल कर सही की जा सकती है.
हालांकि, पता चलते ही इसका इलाज कराना ज़रूरी है नहीं तो बहुत अधिक progress होने पर यह बीमारी liver को स्थायी रूप से नुक्सान पहुंचा सकती है.
फैटी लिवर के लक्षण /Fatty LiverSymptoms in Hindi?
फैटी लिवर के लक्षण बहुत साफ़ नहीं होते. अक्सर जिन्हें ये बीमारी होती है उन्हें इसके बारे में पता ही नहीं चलता. इससे जुड़े लक्षण सामने आने में सालों लग सकते हैं.
हालांकि, लिवर में अधिक फैट का होना उसमे सूजन ला सकता है और तब आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं-
- थकान लगना
- वजन घटना
- भूख ना लगना
- कमजोरी ( पढें-शारीरिक कमजोरी दूर करने के 35 आयुर्वेदिक व घरेलू उपाय)
- जी मिचलाना
- भ्रम होना
- ध्यान केन्द्रित करने में दिक्कत होना
- लिवर का साइज़ में बढ़ जाना
- पेट के उपरी हिस्से या बीच में दर्द होना
- आपकी गर्दन पर या आपकी बाहों के नीचे की त्वचा में गाढ़े रंग का पैच होना
नोट: यदि शराब पीने के बाद आपको इन लक्षणों में बढ़ोतरी नज़र आती है तो आपको alcoholic liver disease हो सकती है.
इसके अलावा यदि फैटी लिवर डिजीज सिरोसिस या लिवर फेलियर में progress हो रही है तो आपको ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं-
- पहले से बढ़ा, तरल पदार्थ से से भरा पेट
- त्वचा और आंखों में पीलापन होना
- उलझन
- अधिक आसानी से खून बहने की प्रवृत्ति
फैटी लिवर होने के कारण?/ Fatty liver causes in Hindi ?
फैटी लिवर होने का सबसे आम कारण है शराब पीना. हालांकि, जो लोग शराब नहीं पीते हैं उन्हें भी फैटी लिवर हो सकता है.
फैटी लिवर तब डेवलप होता है जब बॉडी बहुत अधिक फैट बनाती है या बने हुए फैट को तेजी से मेटाबोलाइज नहीं कर पाती है. ऐसा होने पर जो excess fat होता है वह liver cells में इकठ्ठा हो जाता है और इस तरह से व्यक्ति को फैटी लिवर की बीमारी हो जाती है.
नोट: हाई फैट, हाई सुगर डाइट फैटी लिवर में सहायक हो सकती है पर directly ये बीमारी cause नहीं कर सकती है.
Alcoholism के अलावा , fatty liver के अन्य कारण हो सकते हैं :
- मोटापा (कैसे तेजी से घटाएं अपना वज़न? 25 Tips)
- हाइपरलिपिडाइमिया, या रक्त में वसा का उच्च स्तर
- मधुमेह
- आनुवंशिक
- तेजी से वजन घटना
- एस्पिरिन, स्टेरॉयड, टैमोक्सिफेन, आदि दवाओं का साइड इफेक्ट
फैटी लिवर के प्रकार / Types of fatty liver?
फैटी लिवर बीमारी के दो प्रमुख प्रकार होते हैं-
- Nonalcoholic ( नॉनअल्कोहलिक – यानी जिसका कारण शराब ना हो)
- Alcoholic ( अल्कोहलिक – यानी जिसका कारण शराब हो)
नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज
Nonalcoholic fatty liver disease (NAFLD) तब होती है जब लिवर को फैट्स break-down करने में दिक्कत होती है, जिस कारण से लिवर टिशूज में फैट्स इकठ्ठा हो जाता है. जब लिवर के कुल वजन का 10% से अधिक हिस्सा fat हो जाता है तब उसे NAFLD के रूप में डायग्नोज किया जाता है.
And of course नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर बीमारी का कारण अल्कोहल या शराब नहीं बल्कि कुछ और होता है, जिसके बारे में बहुत अधिक clarity नहीं है.
अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज
Alcoholic fatty liver शराब से संबधित लिवर की बीमारी की शुरूआती स्टेज है. अधिक शराब पीने से लिवर खाराब हो जाता है और फैट्स का विभाजन नहीं कर पाता है. ऐसा होने पर शराब छोड़ना बेहद ज़रूरी है. आमतौर शराब छोड़ देने पर डेढ़ से दो महीने के अन्दर अतिरिक्त फैट ख़त्म हो जाता है.
पढ़ें:शराब की लत – कारण, लक्षण, नुकसान एवं छोड़ने के उपाय
लेकिन अगर इतने पर भी शराब नहीं छोड़ी गयी तो व्यक्ति को सिरोसिस हो सकता है और उसकी जान जा सकती है.
इन दो प्रमुख प्रकारों के आलावा फैटी लिवर की बीमारी निम्न प्रकारों की भी हो सकती है-
- Nonalcoholic steatohepatitis (NASH) / नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहैपेटाइटिस
- Alcoholic steatohepatitis (ASH) / अल्कोहलिक स्टीटोहैपेटाइटिस
- Acute fatty liver of pregnancy / गर्भावस्था के दौरान होने वाला फैटी लिवर
NASH और ASH में लिवर में स्वेल्लिंग हो जाती है. थकान होना, पेट में दर्द, वजन कम होना इसके लक्षण हैं. आमतौर पर 40 से 50 साल के लोगों को यह बीमारी होती है.
बहुत rare मामलों में गर्भावस्था के दौरान महिला को फैटी लिवर हो सकता है. ऐसा होने पर लगातार उलटी होना, पीलिया होना और पेट में दर्द की शिकायत हो सकती है. जयादातर औरतें डिलिवरी के बाद इस बीमारी से निजात पा जाती हैं.
फैटी लिवर होने का खतरा किसे अधिक होता है?
- ऐसे लोगों को जिनका वजन अधिक है या जो obese category में आते हैं. ( Read:कैसे जानें आपका वज़न सही है या नहीं?)
- ऐसे लोगों को जिन्हें type 2 डायबिटीज है ( पढ़ें:कैसे करें डायबिटीज कंट्रोल?)
- अधिक शराब पीने वाले लोगों को
- कुछ ख़ास तरह की दवाओं जैसे कि acetaminophen (Tylenol), antidepressants, इत्यादि का recommended dose से अधिक सेवन करने वालों को
- Pregnant महिलाओं को
- ऐसे लोग जिनक cholesterol हाई है.
- Malnutrition से affected लोगों को
➡ जो लोग high coline diet लेते हैं उन्हें फैटी लिवर होने का खतरा कम होता है. कोलीन इन चीजों में अधिक पाया जाता है- मांस, मुर्गी, मछली, डेयरी खाद्य पदार्थ, पास्ता, चावल, अंडा ,पालक, बीट्स, गेहूं और शेलफिश.
फैटी लिवर का पता कैसे चलता है? /Fatty Liver Diagnosis in Hindi
- फिजिकली इग्जामिन करके
यदि आपका लिवर सूजा हुआ है, तो डॉक्टर आपके पेट को देखकर बढे हुए लिवर का पता लगा सकता है. इसके आलावा बाकी सिम्पटम्स देखकर वह इस निष्कर्ष पर पहुँच सकता है कि आपको फैटी लिवर है या नहीं.
यदि आपको भूख ना लग रही हो या थकावट महसूस हो रही हो तो डॉक्टर को ज़रूर बताएँ. साथ ही अगर आप अल्कोहल लेते हों, या कोई दवा या सप्लीमेंट खा रहे हों तो डॉक्टर को इसकी पूरी जानकारी दें.
- Blood tests खून की जांच
यदि रूटीन ब्लड टेस्ट में लिवर एंजाइम सामन्य से अधिक आते हैं तो आपको फैटी लिवर हो सकता है. हालांकि, liver enzymes बढ़ने की और भी वजहें हो सकती हैं इसलिए फैटी लिवर कन्फर्म करने के लिए और भी जांच की ज़रुरत पड़ सकती है.
- अल्ट्रासाउंड / CT Scan / MRI
डॉक्टर आपको ultrasound, CT scan या MRI के लिए भी कह सकता है. यदि आपके लिवर में अतिरिक्त फैट होगा तो वो इमेज में white area के रूप में दिखाई देगा.
इन Imaging studies से डॉक्टर को ये तो पता चल जाएगा कि आपका लिवर फैटी है या नहीं पर ये नहीं पता चलेगा कि लिवर को कितना नुक्सान पहुँच चुका है.
- Liver biopsy लिवर बायोप्सी
फैटी लिवर का पता करने का पक्का तरीका लिवर बायोप्सी है. इसमें डॉक्टर एक सुई के माध्यम से परिक्षण के लिए लिवर का tissue निकाल लेता है. इस परीक्षण से ये भी पता चल जाता है कि फैटी लिवर होने का कारण क्या है.
फैटी लिवर का इलाज / Fatty liver treatment in Hindi?
फैटी लिवर को ठीक करने के लिए कोई specific दवा या सर्जरी नहीं है. बल्कि डॉक्टर आपको इस बीमारी के risk factors घटाने के सुझाव देगा. जैसे कि-
- अल्कोहल का सेवन कम या बंद करना
- अपने कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना
- चीनी और सैचुरेटेड फैटी एसिड का सेवन कम करना
- वजन घटना
- ब्लड सुगर को नियंत्रित करना
- शारीरिक श्रम करना
- कुछ खानों से परहेज करना
- ताजे फल व सब्जियां खाना
- रेड मीट की जगह चिकन या फिश खाना
कितना घातक हो सकता है फैटी लिवर?
चूँकि फैटी लिवर के लक्षण बहुत साफ़ नहीं होते इसलिए इस बीमारी का जल्दी पता नहीं चलता. लेकिन पता लगने के बाद आप सही कदम उठा कर इस बीमारी को कण्ट्रोल कर सकते हैं.
जायदातर फैटी लिवर के मामले लिवर डिजीज में नहीं बदलते क्योंकि बहुत हद्द तक लिवर खुद को रिपेयर करने में सक्षम होता है. लेकिन इसके लिए आपको लिवर का साथ देना होगा और वो साथ तब मिलेगा जब आप अपना कोलेस्ट्रोल, मधुमेध, मोटापा आदि नियंत्रण में रखें.
अगर आप शराब के आदि हैं तो आपको शराब पीना छोड़ना होगा या कम से कम अपना alcohol intake बहुत कम करना होगा.
लेकिन अगर सबकुछ कर लेने पर भी फैटी लिवर रिवर्स नहीं हुआ तो यह लिवर डिजीज और सिरोसिस में तब्दील हो सकता है.
नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर comparatively कम खतरनाक होता है और अधिकतर मामलों में liver scarring या cirrhosis में नहीं बदलता है.
लेकिन अल्कोहलिक फैटी लिवर के मामले में अगर पता लगने में देर हुई या पता लगने पर भी व्यक्ति शराब का सेवन करता रहा तो लिवर डैमेज होने और सिरोसिस होने का चांस बहुत बढ़ जाता है.
😈 फैटी लिवर का सिरोसिस में प्रोग्रेस होना जानलेवा होता है. ऐसा होने पर डेढ़- दो साल में मौत हो सकती है.
फैटी लिवर से बचाव / Fatty liver prevention in Hindi?
फैटी लिवर से बचना है तो लिवर का ख़याल रखना होगा. जिसके लिए आप ये चीजें कर सकते हैं-
- शराब का सेवन ना करें या moderately करें. मॉडरेटली यानी पुरुषों के लिए अधिक से अधिक 2 drinks per day और महिलाओं के लिए 1 drink per day.
- डायबिटीज ना हो तो बहुत अच्छा लेकिन अगर है तो इसमें जरा भी लापरवाही ना बरतें
- Cholestrol होने पर भी उसका सही इलाज कराएं
- रोज कम से कम 30 मिनट तक व्यायाम करें
- अपना Body Mass Index (BMI) सही रखें
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Comments
Varinder says
Fantastic blog
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sachin says
Thanks Sir for this information
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Shivam Yadav says
सुपर्ब article
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(Video) फैटी लिवर क्यों होता है | फैटी लिवर के 7 कारण | फैटी लिवर के 14 लक्षण | फैटी लिवर का देसी इलाज |Arif Ansari says
Bahut hi badiya janakari diye hai
Reply
shivam yadav says
bhot badia jankari di hai
Reply
dheerendra says
bahut hi achhi jankaari hai sir health ke baare me…
Reply
Manish says
Very good post on an important health topic
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(Video) लिवर की बीमारी के लक्षण कारण और फैटी लिवर उर्दू-हिंदी में #Liverproblem #Liverdamage #Fattyliver
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FAQs
फैटी लीवर को ठीक करने का सबसे तेज़ तरीका क्या है? ›
आंवला में भरपूर मात्रा में एन्टीऑक्सिडेंट और विटामिन सी मौजूद होता है जो लीवर फंक्शन को दुरुस्त रखने का काम करता है। आंवले के सेवन से लिवर में मौजूद हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते है। इस वजह से लिवर के मरीजों को आंवला खाने की सलाह दी जाती है।
फैटी लीवर के 3 लक्षण क्या हैं? ›फैटी लिवर के लक्षण (Fatty Liver Symptoms)
- भूख कम होने लगती है और कुछ लोगों का वजन भी तेजी से गिरने लगता है। - आंखों का रंग पीला होने लगता हैं। - पैरों में हल्की सूजन बनी रहती है। - हर वक्त थकान और कमजोरी का एहसास होता रहता है।
फैटी लिवर के लक्षण
- भूख कम होने लगती है और कुछ लोगों का वजन भी एक दम से गिरने लगता है. - आंखों का रंग पीला होने लगता हैं. - पैरों में हल्की सूजन बनी रहती है. - हर वक्त थकान और कमजोरी का एहसास होता रहता है.
फैटी लिवर के दो प्रकार
शराब न पीने पर करीब छह सप्ताह के भीतर लिवर से फैट की परत हटने लगती है।
पानी कम पीना भी आपके लिवर को बीमार बनाता है. कम पानी पीने से आपके शरीर के विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर नहीं निकल पाते और इसका बुरा असर आपके लिवर पर पड़ता है. इसलिए हर किसी को रोजाना कम से कम 3 से 4 लीटर पानी तो जरूर ही पीना चाहिए.
फैटी लीवर के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है? ›अगर आपको फैटी लिवर की शिकायत है तो आपके लिए आंवला किसी दवा से कम नहीं है. जिन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर होता है उन्हें आंवला खाने की सलाह दी जाती है. आवंला में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जिससे लिवर हेल्दी रहता है. अगर आप फैटी लिवर की समस्या से परेशान हैं तो आपको डाइट में आंवला जरूर शामिल करना चाहिए.
क्या फैटी लिवर में दूध पीना चाहिए? ›फैटी लिवर की समस्या से ग्रसित लोगों को दूध नहीं पीना चाहिए। ऐसे लोग दूध को आसानी से पचा नहीं पाते हैं। फैटी लिवर से जूझ रहे लोगों को प्रोटीन बहुत सीमित मात्रा में लेना चाहिए।
फैटी लिवर में दही खा सकते हैं क्या? ›दही और लस्सी, प्रोबायोटिक्स के सबसे अच्छे प्राकृतिक स्रोतों में से एक है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका सेवन लिवर में वसा के जमाव को कम करने के साथ लिवर में सूजन, सिरोसिस के लक्षणों को कम करने और लिवर के कार्यों को आसान बनाने में काफी मददगार हो सकता है।
फैटी लिवर में चावल खा सकते हैं क्या? ›Chawal in Fatty Liver
विशेषज्ञों की मानें तो फैटी लिवर में चावल का इस्तेमाल नुकसानदायक साबित हो सकता है क्योंकि इसमें हाई ग्लाइसेमिक फूड पाया जाता है जो शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ता है. ब्लड शुगर के बढ़ने से भी फैटी लिवर की समस्या बढ़ती है.
ग्रेपफ्रूट, अंगूर और जामुन
ग्रेपफ्रूट में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट लिवर की सूजन कम करने और इसके सुरक्षात्मक तंत्र को बढ़ाने में मददगार साबित होता है. इसके अलावा कुछ स्टडी में यह भी पता चला है कि अंगूर लिवर फंक्शन को बेहतर करने में मदद करता है. यह लिवर को होने वाले नुकसान से बचाता है.
Liver खराब होने पर कहाँ दर्द होता है? ›
क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक, लिवर की खराबी वाले ज्यादातर मरीजों में लगातार पेट दर्द की शिकायत देखी जाती है। वैसे तो पेट दर्द के कई कारण हो सकते हैं, हालांकि पेट के दाहिने हिस्से में पसलियों के ठीक नीचे लगातार दर्द बने रहने की समस्या को लिवर की गंभीर बीमारियों, विशेषकर लिवर डैमेज का संकेत माना जाता है।
फैटी लीवर कितना खतरनाक होता है? ›Fatty Liver Disease: फैटी लिवर बीमारी, लिवर में अतिरिक्त चर्बी जमा होने के कारण होने वाली एक सामान्य स्थिति है. अधिकांश लोगों में इस बीमारी के कारण कोई लक्षण नहीं आते. लेकिन अगर यह समस्या बढ़ जाती है को यह कुछ मामलों में लिवर को काफी नुकसान पहुंचा सकता है और लिवर कैंसर भी हो सकता है.
क्या गर्म पानी फैटी लिवर को कम कर सकता है? ›06/11 गुनगुना पानी
यह संयोजन लिवर को डिटॉक्स करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए अच्छा काम करता है । एक गिलास गर्म पानी में और उसमें आधे नींबू का रस मिलाएं। इसे अच्छी तरह मिलाकर सुबह पी लें। रोजाना 10-12 गिलास गर्म पानी पिएं।
फैट युक्त मछली जैसे सैल्मन, टूना, सार्डिन, अलसी और अखरोट सभी ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर खाने की चीजे हैं। 4) एवोकाडो- एवोकाडो में मौजूद हेल्दी फैट वजन घटाने और फैटी लीवर की बीमारी दोनों के लिए बहुत अच्छा होते हैं।
फैटी लीवर ठीक करने के लिए क्या खाएं? ›लीवर के लिए सेहतमंद है ब्रोकली
द जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन के अनुसार, लिवर से जुड़ी समस्याओं से बचाव के लिए आप ब्रोकली का सेवन कर सकते हैं। प्रतिदिन ब्रोकली के सेवन से न सिर्फ लिवर डैमेज का जोखिम कम हो सकता है, बल्कि फैटी लिवर की समस्या में भी लाभ मिलता है। साथ ही ब्रोकली का सेवन लिवर को स्वस्थ रखने में भी सहायक हो सकता है।
क्विनोआ पुलाव क्विनोआ के सेवन से प्लाज्मा और लीवर कोलेस्ट्रॉल को कम होता है। साथ ही यह मोटापे से संबंधित सूजन को कम करता है, और मोटापे में हेपेटिक स्टेटोसिस को रोकने में मदद करता है। इसलिए इसे लीवर फ्रेंडली फूड माना जाता है।
क्या दही लिवर के लिए अच्छा है? ›दही प्रोबायोटिक्स के सबसे अच्छे प्राकृतिक स्रोतों में से एक है, जो वैज्ञानिकों का मानना है कि यकृत में वसा के स्तर को कम कर सकता है, यकृत की क्षति को कम कर सकता है और रक्त में वसा को नियंत्रित कर सकता है ।
लिवर से फैट कैसे निकाले? ›सेब का सिरका लिवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है साथ ही लिवर को स्वस्थ बनाता है। इसके लिए आप एक कप गुनगुने पानी में एक चम्मच सेब का सिरका डालकर इसे रोज सुबह पिएं। फैटी लीवर के लिए दालचीनी सबसे असरदार माना जाता है। इसको अपनी डाइट में शामिल कर आप फैटी लीवर की समस्या से निजात पा सकते हैं।